बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद प्रत्येक 50 छात्रों पर दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र की तैनाती की जाएगी, ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर हो और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की प्रवेश आयु चार वर्ष करना संभव नहीं है, क्योंकि शिक्षा के अधिकार कानून इसकी अनुमति नहीं देता। तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी में पहले से ही पढ़ाई और पोषण की व्यवस्था मौजूद है। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों में 1.05 करोड़ विद्यार्थी नामांकित हैं, जिनके लिए 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र कार्यरत हैं।
सपा विधायकों पंकज पटेल, अनिल प्रधान और प्रभु नारायण सिंह के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने मर्जर नीति का राजनीतिकरण कर जनता को गुमराह किया है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या 1.48 करोड़ से अधिक है। इनमें शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से अधिक है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 बच्चों को पढ़ाने के लिए 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक तैनात हैं।